
SBI MF Best Return Scheme: का जबरदस्त प्लान! डबल बेनिफिट स्कीम में निवेश कर ऐसे पाएं करोड़ों का फायदा
SBI Long Term Equity Fund ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। अगर किसी ने इस फंड में एकमुश्त निवेश किया होता, तो उसकी रकम 5 साल में 3 गुना हो गई होती। वहीं, इस स्कीम के लॉन्च के समय किया गया निवेश अब तक 132 गुना बढ़ चुका है। यह फंड लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हुआ है और मजबूत ग्रोथ के कारण निवेशकों को जबरदस्त फायदा पहुंचाया है।
SBI Long Term Equity Fund: टैक्स सेविंग के साथ वेल्थ क्रिएशन का बेहतरीन विकल्प
अगर रेगुलर इनवेस्टमेंट के जरिए वेल्थ क्रिएशन के साथ-साथ टैक्स सेविंग का भी फायदा मिले, तो यह किसी भी निवेशक के लिए एक शानदार मौका होगा। SBI Mutual Fund की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS), जिसे SBI Long Term Equity Fund के नाम से जाना जाता है, ऐसी ही एक स्कीम है, जो निवेशकों को डबल बेनिफिट प्रदान करती है।
यह स्कीम एकमुश्त निवेश पर 5 साल के रिटर्न के लिहाज से अपनी कैटेगरी की टॉप 3 योजनाओं में शामिल है। सिर्फ 5 साल ही नहीं, बल्कि लॉन्च के बाद से अब तक के 32 सालों में भी इस फंड ने शानदार रिटर्न दिए हैं। लंबे समय तक निवेश करने वाले निवेशकों को इस स्कीम से बेहतरीन ग्रोथ मिली है, जिससे यह टैक्स सेविंग और वेल्थ क्रिएशन के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बन गया है।
Lumpsum Investment पर जबरदस्त रिटर्न
SBI Long Term Equity Fund को 31 मार्च 1993 को लॉन्च किया गया था और जल्द ही इसे 32 साल पूरे होने वाले हैं। इस लंबी अवधि में इस स्कीम ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिए हैं।
अगर किसी निवेशक ने इस स्कीम में लॉन्च के समय 1 लाख रुपये का एकमुश्त (Lumpsum Investment) किया होता, तो आज उसकी फंड वैल्यू 1 करोड़ 32 लाख रुपये से भी ज्यादा हो गई होती। इतना ही नहीं, अगर किसी ने 5 साल पहले 1 लाख रुपये निवेश किए होते, तो उसकी रकम करीब 3 गुना बढ़ चुकी होती।
यह फंड लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन और टैक्स सेविंग का एक बेहतरीन विकल्प साबित हुआ है, जिससे यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक ELSS (Equity Linked Savings Scheme) बना हुआ है।
एकमुश्त निवेश (Lumpsum Investment) पर मिला मुनाफा
➡ लॉन्च के समय किया गया निवेश (31 मार्च 1993):
- निवेश राशि: ₹1,00,000
- मौजूदा फंड वैल्यू: ₹1,32,27,750 (1.32 करोड़ रुपये)
- अब तक का औसत सालाना रिटर्न (CAGR): 16.62%
➡ 5 साल पहले किया गया निवेश:
- निवेश राशि: ₹1,00,000
- मौजूदा फंड वैल्यू: ₹2,97,870 (2.98 लाख रुपये)
- 5 साल का औसत सालाना रिटर्न (CAGR): 24.37%
SBI Long Term Equity Fund ने लॉन्ग-टर्म और शॉर्ट-टर्म दोनों ही निवेशकों को शानदार रिटर्न दिए हैं। यह स्कीम न सिर्फ टैक्स सेविंग (ELSS) का फायदा देती है, बल्कि मजबूत रिटर्न के जरिए वेल्थ क्रिएशन का भी शानदार अवसर प्रदान करती है।
SIP पर भी जबरदस्त रिटर्न
SBI Long Term Equity Fund ने सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश करने वालों को भी शानदार रिटर्न दिए हैं।
वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, अगर किसी निवेशक ने 17 साल पहले इस स्कीम में 1 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया होता और साथ ही हर महीने 5000 रुपये की SIP जारी रखी होती, तो आज उसकी मौजूदा फंड वैल्यू 52 लाख रुपये से ज्यादा हो चुकी होती।
SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड (रेगुलर प्लान) का SIP रिटर्न
अगर किसी निवेशक ने SBI Long Term Equity Fund (Regular Plan) में 17 साल पहले एकमुश्त 1 लाख रुपये का निवेश किया होता और हर महीने 5000 रुपये की SIP जारी रखी होती, तो उसे जबरदस्त रिटर्न मिला होता।
✅ 17 साल पहले एकमुश्त निवेश: ₹1,00,000
✅ 17 साल तक मंथली SIP: ₹5,000
✅ SIP के जरिए 17 साल में कुल निवेश: ₹11,20,000
✅ 17 साल बाद कुल फंड वैल्यू: ₹52,17,316 (52.17 लाख रुपये)
✅ 17 साल में एन्युलाइज्ड रिटर्न (CAGR): 14.87%
ELSS पर मिलने वाला टैक्स बेनिफिट
SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड एक इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) है, जिसके तहत निवेशकों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स बेनिफिट मिलता है। इस स्कीम में 3 साल का लॉक-इन पीरियड लागू होता है, जो अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों की तुलना में कम है। इसके अलावा, 3 साल बाद इस फंड से होने वाले मुनाफे पर एक वित्त वर्ष में 1.25 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना पड़ता, जबकि इससे अधिक लाभ होने पर 12.5% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स लागू होता है। यह उन निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित होता है जो 20% या 30% के ऊंचे टैक्स स्लैब में आते हैं, क्योंकि अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में यह एक किफायती टैक्स सेविंग समाधान प्रदान करता है।
किनके लिए सही है ये स्कीम
SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है, जो नियमित निवेश के जरिए लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन के साथ-साथ टैक्स बचत भी करना चाहते हैं। चूंकि यह एक इक्विटी आधारित स्कीम है, इसलिए इसे रिस्कोमीटर पर बहुत अधिक जोखिम (Very High Risk) की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए इसमें उन्हीं लोगों को निवेश करना चाहिए, जो बाजार से जुड़े उतार-चढ़ाव को सहने की क्षमता रखते हैं। हालांकि, SIP के जरिए निवेश करने पर बाजार में अस्थिरता के जोखिम को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इस स्कीम में कम से कम 5 साल के लिए निवेश करना बेहतर होता है, क्योंकि इक्विटी में लंबी अवधि का निवेश आमतौर पर अच्छे रिटर्न देने की संभावना बढ़ा देता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है, निवेश सलाह देना नहीं। म्यूचुअल फंड का पिछला रिटर्न भविष्य में भी जारी रहने की गारंटी नहीं है। निवेश से जुड़े निर्णय SEBI से मान्यता प्राप्त निवेश सलाहकार की सलाह लेकर ही लें।)