
ITR Forms: रिटर्न फाइलिंग से पहले समझ लें आपके लिए क्या है सही, ITR-1 से लेकर ITR-7 तक हर फॉर्म की जानकारी
ITR Forms: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय यह जानना जरूरी है कि कौन सा ITR फॉर्म आपके लिए सही है. अगर आप गलत फॉर्म चुन लेते हैं, तो आपका रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है.
How To Select Correct ITR Form : इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय सही फॉर्म चुनना बेहद जरूरी है, क्योंकि गलत ITR फॉर्म से फाइल किया गया रिटर्न या तो रिजेक्ट हो सकता है या उसकी प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है, जिससे आपका रिफंड अटक सकता है। यही वजह है कि रिटर्न फाइल करने से पहले आपको यह जरूर समझना चाहिए कि आपकी आय, रोजगार का प्रकार और रेजिडेंसी स्टेटस के अनुसार कौन सा ITR फॉर्म आपके लिए उपयुक्त है।
इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स के अलग-अलग इनकम सोर्स, रेजिडेंशियल स्टेटस और प्रोफेशन के आधार पर ITR-1 से लेकर ITR-7 तक के फॉर्म्स निर्धारित किए हैं। उदाहरण के तौर पर, सैलरी और एक हाउस प्रॉपर्टी से आय वाले निवासी व्यक्ति ITR-1 का उपयोग कर सकते हैं, जबकि बिजनेस या प्रोफेशन से आय वालों को ITR-3 या ITR-4 भरना होता है।
आइए जानते हैं व्यक्तिगत करदाताओं (individual taxpayers) के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रमुख ITR फॉर्म्स के बारे में. साथ ही यह भी जानेंगे कि असेसमेंट ईयर 2025-26 (वित्त वर्ष 2024-25) में कौन सा फॉर्म किसके लिए है.
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ITR-1 (सहज) : ये सबसे आसान फॉर्म किनके लिए है
अगर आप सैलरी या पेंशन के जरिए आमदनी कमाते हैं और आपकी सालाना आय 50 लाख रुपये से कम है, तो ITR-1 यानी सहज फॉर्म आपके लिए उपयुक्त है। इस फॉर्म का उपयोग वे लोग कर सकते हैं जिनकी आय केवल वेतन, पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली इनकम, सेविंग्स अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट से ब्याज, फैमिली पेंशन और 5,000 रुपये तक की कृषि आय से होती है। यदि आपकी आय इन सीमित स्रोतों से है और आप सरल तरीके से टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहते हैं, तो ITR-1 फॉर्म आपके लिए सबसे उपयुक्त विकल्प है।
ITR-1 (सहज) किनके लिए नहीं है
ITR-1 (सहज) फॉर्म उन टैक्सपेयर्स के लिए नहीं है जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक है या जिनकी एग्रीकल्चरल इनकम 5,000 रुपये से ज्यादा है। साथ ही, जिन लोगों को पूंजीगत लाभ से आमदनी हुई है, कोई बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम है, या जिनके पास एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी है, वे भी इस फॉर्म के लिए पात्र नहीं हैं। इसके अलावा, यदि आप किसी कंपनी में डायरेक्टर हैं या आपने अनलिस्टेड शेयरों में निवेश किया है, तो भी आप ITR-1 का उपयोग नहीं कर सकते।
ITR-2 किन्हें भरना चाहिए
अगर आपकी वार्षिक आय 50 लाख रुपये से अधिक है, आपको कैपिटल गेन हुआ है, आपने एक से अधिक प्रॉपर्टी में निवेश किया है या विदेश में कोई संपत्ति या आय है, तो आपके लिए ITR-2 फॉर्म सबसे उपयुक्त है। यह फॉर्म उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs) के लिए होता है जिनकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से नहीं आती। यदि आपने विदेश में निवेश किया है, वहां बैंक खाता है या आप डबल टैक्सेशन अवॉयडेंस एग्रीमेंट (DTAA) के तहत टैक्स छूट का दावा करना चाहते हैं, तो भी ITR-2 का इस्तेमाल करना चाहिए।
ITR-3: बिजनेस से प्रोफशन से कमाने वालों के लिए
अगर आप कोई बिजनेस कर रहे हैं या आपकी आय आपके प्रोफेशन जैसे डॉक्टर, वकील, इंजीनियर आदि से आती है, तो ITR-3 फॉर्म आपके लिए उपयुक्त है। इसके अलावा, यदि आप किसी पार्टनरशिप फर्म से वेतन, कमीशन या बोनस प्राप्त करते हैं, तो भी आपको यही फॉर्म भरना चाहिए। क्रिप्टो करेंसी से होने वाली कमाई – जैसे माइनिंग, स्टेकिंग या ट्रेडिंग – या यदि आप किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं या आपके पास अनलिस्टेड शेयर हैं, तब भी ITR-3 फॉर्म ही लागू होगा। इस फॉर्म में सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, ब्याज और बिजनेस से होने वाली सभी आय को एक साथ घोषित किया जा सकता है।
ITR-4 (सुगम) किन लोगों के लिए है
अगर आप एक स्मॉल बिजनेस ओनर हैं या ऐसा कोई प्रोफेशन करते हैं, जिसमें आप प्रिजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम (सेक्शन 44AD, 44ADA या 44AE) के तहत टैक्स भरते हैं, तो ITR-4 (सुगम) फॉर्म आपके लिए उपयुक्त है। यह उन टैक्सपेयर्स के लिए है जिनकी कुल सालाना आय 50 लाख रुपये तक है। हालांकि, यदि आपके 95% से अधिक लेन-देन डिजिटल माध्यम से होते हैं, तो यह लिमिट बढ़कर 75 लाख रुपये तक हो सकती है। इस फॉर्म के तहत आप सैलरी, एक प्रॉपर्टी से किराए की आय, ब्याज या फैमिली पेंशन जैसी आमदनी भी दिखा सकते हैं, लेकिन यदि आपके पास पूंजीगत लाभ या विदेशी आय है, तो ITR-4 फॉर्म मान्य नहीं होगा।
ITR-5, ITR-6 समेत बाकी फॉर्म किनके लिए हैं
ITR-5 उन संस्थाओं के लिए निर्धारित किया गया है जो फर्म, LLP (लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप), AOP (Association of Persons), BOI (Body of Individuals), को-ऑपरेटिव सोसाइटी, लोकल अथॉरिटी या बिजनेस ट्रस्ट के रूप में रजिस्टर्ड हैं।
ITR-6 उन कंपनियों के लिए है जो सेक्शन 11 के तहत टैक्स में छूट का दावा नहीं करती हैं, यानी जिनका उद्देश्य धार्मिक या चैरिटेबल नहीं है।
ITR-7 का उपयोग उन व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा किया जाता है जिन्हें आयकर अधिनियम की धारा 139(4A), 139(4B), 139(4C) या 139(4D) के अंतर्गत रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होता है—जैसे चैरिटेबल या धार्मिक ट्रस्ट, शैक्षणिक संस्थान, राजनीतिक दल या अनुसंधान संगठन।
सही फॉर्म का सेलेक्शन सबसे जरूरी
अगर आप टैक्स फाइलिंग को आसान बनाना चाहते हैं और रिटर्न भरने के बाद किसी तरह की परेशानी से बचना चाहते हैं, तो यह ज़रूरी है कि आप सही ITR फॉर्म का चुनाव करें। सही फॉर्म का चयन करने से न केवल आपका रिटर्न सही तरीके से फाइल होगा, बल्कि इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस आने की संभावना भी कम हो जाएगी। यदि आपको अभी भी उलझन है कि कौन-सा फॉर्म आपके लिए उपयुक्त है, तो बेहतर होगा कि आप किसी टैक्स एक्सपर्ट या चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह लें। इससे आपकी फाइलिंग न केवल सही होगी, बल्कि भविष्य की परेशानियों से भी बचा जा सकेगा।